मूमल की प्रेम कहानी
महेंद्र-मूमल की प्रेम कथा
राजस्थान की धरती पर कई अमर प्रेम कहानियाँ जन्मी हैं, जिनमें महेंद्र-मूमल की कहानी भी एक अद्वितीय स्थान रखती है। यह कथा केवल प्रेम की नहीं, बल्कि समर्पण, गलतफहमियों और दुखद अंत की भी गवाही देती है। चलिए बात करते है मूमल की प्रेम कहानी के बारे में
कहानी की शुरुआत
यह कथा राजस्थान के जैसलमेर की राजकुमारी मूमल और अमरकोट (वर्तमान पाकिस्तान के सिंध क्षेत्र) के राजकुमार महेंद्र की प्रेम गाथा है। मूमल अपनी अद्भुत सुंदरता और बुद्धिमत्ता के लिए प्रसिद्ध थी। जैसलमेर के लोड़्रवा गाँव में उसका महल था, जिसे "मालकितसर" के नाम से जाना जाता था।
मूमल ने अपने लिए एक उपयुक्त वर चुनने के लिए एक अनूठी परीक्षा रखी। जो भी राजकुमार या योद्धा उसके महल की जटिल भूलभुलैया और खतरों को पार कर उसके पास पहुंचेगा, वही उसके प्रेम और विवाह के योग्य होगा।
महेंद्र और मूमल का मिलन
राजकुमार महेंद्र ने इस चुनौती को स्वीकार किया और अपनी बुद्धिमानी से सभी बाधाओं को पार कर मूमल तक पहुँच गया। जब मूमल ने उसे देखा, तो वह भी उसकी बहादुरी और व्यक्तित्व से मोहित हो गई।
धीरे-धीरे दोनों एक-दूसरे के प्रेम में पड़ गए और प्रतिदिन मिलते रहे। महेंद्र अपनी प्रेमिका से मिलने के लिए हर रात अमरकोट से जैसलमेर तक घोड़े पर यात्रा करता था।
गलतफहमी और प्रेम का बिछोह
एक रात, महेंद्र हमेशा की तरह मूमल से मिलने पहुँचा, लेकिन तब तक वह बहुत थक चुका था। संयोग से, मूमल ने अपनी एक दासी सुम्मल को अपने वस्त्र पहनाकर पास ही सुला दिया था। जब महेंद्र वहाँ पहुँचा और उसने मूमल के पास किसी और को देखा, तो उसने सोचा कि मूमल ने उसे धोखा दिया है।
वह बिना कुछ कहे वहाँ से चला गया और वापस अमरकोट जाकर मूमल को भुलाने का प्रयास करने लगा। मूमल को जब यह पता चला, तो उसने कई प्रयास किए महेंद्र को मनाने के लिए, लेकिन महेंद्र की नाराजगी कम नहीं हुई।
मूमल का अंतिम निर्णय
अपने प्रेम को खोकर मूमल बहुत दुखी हो गई। एक दिन, जब महेंद्र क्रोधित अवस्था में उसके पास पहुँचा और उसके प्रेम को ठुकरा दिया, तो मूमल ने अपनी चिता जला ली और उसमें कूदकर अपना जीवन समाप्त कर लिया।
महेंद्र को जब अपनी गलती का अहसास हुआ, तो वह पछताने लगा। उसने भी उसी अग्नि में कूदकर प्राण त्याग दिए।
इस प्रेम कथा की सीख
महेंद्र और मूमल की यह कहानी प्रेम में विश्वास, धैर्य और गलतफहमी से बचने की सीख देती है। यह कथा आज भी राजस्थान के लोकगीतों, कहानियों और कविताओं में जीवित है।
"प्रेम में धैर्य और विश्वास ही सबसे बड़ी परीक्षा होती है!"
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आशा है यह ब्लॉग महेंद्र मूमल की प्रेम कहानी आपकी कुछ मदद कर सके
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